प्रसिद्ध कन्नड़ अभिनेत्री लीलावती का शुक्रवार (8 दिसंबर) को निधन हो गया। वह 87 वर्ष की थीं।
लीलावती ने अपने करियर में 600 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें कन्नड़, तमिल, तेलुगु और मलयालम भाषाओं की फिल्में शामिल हैं। उन्होंने "भक्त कुंभारा", "मन चोसिधा मदादी", "सांता तुकाराम" और "भक्त प्रहलाद" जैसी फिल्मों में अपने अभिनय के लिए प्रशंसा प्राप्त की।
उन्हें 1999 में कर्नाटक सरकार द्वारा "डॉ. राजकुमार अवार्ड" से सम्मानित किया गया था।
लीलावती का जन्म 1936 में बेंगलुरू में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1958 में फिल्म "भक्त प्रहलाद" से की थी। उन्होंने कई प्रतिष्ठित फिल्मों में अभिनय किया, जिसमें "रानी होन्नम्मा", "श्री कृष्णदेवराय", "गाली गोपुरा", "कंजारतना", "वीरकेसरी" और "मन मेचिदा मदादी" शामिल हैं।
लीलावती एक बहुमुखी अभिनेत्री थीं, जिन्होंने विभिन्न प्रकार की भूमिकाओं में अभिनय किया। उन्हें अपने रोमांटिक और हास्य भूमिकाओं के लिए भी जाना जाता था।
उनके निधन से कन्नड़ फिल्म उद्योग में शोक की लहर दौड़ गई है।
लीलावती की बीमारी और अस्पताल में भर्ती
लीलावती पिछले कुछ समय से बीमार थीं। उन्हें उम्र से संबंधित बीमारियों से पीड़ित बताया गया है। हाल ही में, उन्हें बेंगलुरू के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उनके बेटे विनोद राज ने बताया कि उनकी मां की तबीयत में सुधार नहीं हो रहा था। उन्होंने कहा कि वह अपनी मां को अस्पताल में भर्ती कराने से बचना चाहते थे, लेकिन उन्हें ऐसा करना पड़ा।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने लीलावती के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि लीलावती एक महान अभिनेत्री और एक सच्ची कलाकार थीं। उन्होंने कहा कि उनकी कमी कन्नड़ फिल्म उद्योग में हमेशा खली रहेगी।
लीलावती के निधन से कन्नड़ फिल्म उद्योग को एक बड़ा नुकसान हुआ है। वह एक महान अभिनेत्री थीं, जिन्होंने अपने करियर में कई यादगार फिल्में दीं। उनकी कमी हमेशा खली रहेगी।